भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथजी की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के समान होता है। इसकी तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ शुरू हो जाती है । 285 वर्षों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब जगन्नाथजी की यात्रा बिना भक्तों के निकलेगी.