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आपको और आपके परिवार को भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा की हार्दिक शुभकामनाएँ

रथयात्रा

भगवान श्रीकृष्‍ण के अवतार जगन्‍नाथजी की रथयात्रा का पुण्‍य सौ यज्ञों के समान होता है। इसकी तैयारी अक्षय तृतीया के द‍िन श्रीकृष्‍ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के न‍िर्माण के साथ शुरू हो जाती है । 285 वर्षों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब जगन्‍नाथजी की यात्रा ब‍िना भक्‍तों के न‍िकलेगी.

285 वर्षों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब जगन्‍नाथजी की यात्रा ब‍िना भक्‍तों के न‍िकलेगी

रथयात्रा एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ चलकर अपने भक्‍तों के बीच आते हैं और उनके दु:ख-सु:ख में सहभागी होते हैं। इसका महत्‍व शास्त्रों और पुराणों में भी बताया गया है।
स्‍कंद पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि जो भी व्‍यक्ति रथयात्रा में शामिल होकर गुंडीचा नगर तक जाता है। वह जीवन-मरण के चक्र से मुक्‍त हो जाता है।
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